तू आये या न आये मेरे घर तक
दिया जलता रहेगा ये सहर तक
दिया जलता रहेगा ये सहर तक
कहाँ पर खो गयी है आते आते
ख़ुशी पहुंची नहीं क्यों मेरे घर तक
ख़ुशी पहुंची नहीं क्यों मेरे घर तक
अभी कुछ ज़ब्त की ताकत है बाक़ी
अभी पानी नहीं पहुँचा है सर तक
अभी पानी नहीं पहुँचा है सर तक
मुलाकातों की फिर क्या बात करते
कोई मिलती नहीं उनकी खबर तक
कोई मिलती नहीं उनकी खबर तक
किसी पर जीते जी जो मर न पाये
उन्हें आया न जीने का हुनर तक
उन्हें आया न जीने का हुनर तक
शिकारी का निशाना बन गया क्या
नहीं पहुंचा परिंदा वो शजर तक
नहीं पहुंचा परिंदा वो शजर तक
जो साहिल पर शिकस्ता हो गयी है
वो कश्ती कैसे पहुँचेगी भँवर तक
वो कश्ती कैसे पहुँचेगी भँवर तक
बहुत मुश्किल हैं राहें ज़िंदगी की
कई बिछड़े हैं साथी इस सफर तक
कई बिछड़े हैं साथी इस सफर तक
बुलंदी ये सिया किस काम की फिर
अगर पहुंचे नहीं उनकी नज़र तक
अगर पहुंचे नहीं उनकी नज़र तक
waaah kamaal
ReplyDeleteबहुत खूब सिया जी
ReplyDeleteबेहद उम्दा
बहुत खूब सिया जी
ReplyDeleteबेहद उम्दा