Tuesday, 19 May 2015

रब से मांगी हुई दुआ हो तुम

मेरी चाहत की इंतेहा हो तुम
रब से मांगी हुई दुआ हो तुम
इतनी मुद्दत के बाद ये जाना
ज़िंदगानी का फ़लसफ़ा हो तुम
ख़ुद को देखूँ तो, तुम नज़र आओ
अक्स मेरा है आईना हो तुम
दिल के आगे मैं हार बैठी हूँ
जानती हूँ की बेवफा हो तुम
मेरी ख़ुशियाँ हैं तुमसे वाबस्ता
क्या बताऊ तुम्हें की क्या हो तुम
उड़ गए होश देख कर तुमको
मैं हूँ बेख़ुद मेरा नशा हो तुम
ज़ख्म मेरे महकने लगते है
मेरे हर दर्द की दवा हो तुम
siya

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