आज ये सोच कर मलाल हुआ
कोई मेरा न हमख़याल हुआ
मौत की राह हो गयी आसान
ज़िंदगी का सफ़र मुहाल हुआ
साथ ख़ुशियों ने मेरा छोड़ दिया
ख्वाब इक फिर से पायमाल हुआ
ज़ख्म से पुर हुआ मेरा दामन
शिद्दते ग़म से दिल निहाल हुआ
जिस्म में रूह अब नहीं रहती
अब ये तेरे बग़ैर हाल हुआ
वो मेरा ग़म समझ नहीं पाया
और मुझसे न अर्ज़े हाल हुआ
कोई लम्हा भी ऐसा कब गुज़रा
मुझको तेरा न जब ख्याल हुआ
कौन सी हसरतों का खून है ये
मेरा दामन लहू से लाल हुआ
लाश ख़्वाबों की ढो के हँसती हूँ
हाय ये ज़ब्त भी कमाल हुआ
कोई मेरा न हमख़याल हुआ
मौत की राह हो गयी आसान
ज़िंदगी का सफ़र मुहाल हुआ
साथ ख़ुशियों ने मेरा छोड़ दिया
ख्वाब इक फिर से पायमाल हुआ
ज़ख्म से पुर हुआ मेरा दामन
शिद्दते ग़म से दिल निहाल हुआ
जिस्म में रूह अब नहीं रहती
अब ये तेरे बग़ैर हाल हुआ
वो मेरा ग़म समझ नहीं पाया
और मुझसे न अर्ज़े हाल हुआ
कोई लम्हा भी ऐसा कब गुज़रा
मुझको तेरा न जब ख्याल हुआ
कौन सी हसरतों का खून है ये
मेरा दामन लहू से लाल हुआ
लाश ख़्वाबों की ढो के हँसती हूँ
हाय ये ज़ब्त भी कमाल हुआ
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