Wednesday, 15 October 2014

उसे ठुकरा दिया है आज मैंने

सितम क्या ढा दिया है आज मैंने 
उसे ठुकरा दिया है आज मैंने 

दिल ए नादाँ करम उनके थे वक़्ती 
  तुझे समझा दिया है आज मैंने 

हाँ करके क़त्ल अपनी हसरतों का 
कफ़न पहना दिया है आज मैंने 

 जो पाला था कभी मासूम सपना 
उसे दफना दिया है आज मैंने 

सभी अपने है कह के आज दिल को 
सिया  बहला दिया है आज मैंने ..

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