थाम कर चलते मेरा हाथ बहुत अच्छा था
प्यार से कटते जो दिन रात बहुत अच्छा था
तुमसे कह देते हर इक बात बहुत अच्छा था
ग़र बदलते न ये हालात बहुत अच्छा था|
काश अश्को को न आँखों में छुपाया होता
चीख उठते जो ये जज़बात बहुत अच्छा था
उम्र सारी ही कटी अपनी तो तन्हाई में
आप देते जो मेरा साथ बहुत अच्छा था
कम से कम खुद से बिछड़ने का गिला न रहता
हम जो सह लेते ये सदमात बहुत अच्छा था
ठहरे पानी सी वो खामोश मोहब्बत उसकी . ....
होती चाहत की जो बरसात बहुत अच्छा था
रूह आजाद हुई जिस्म से एक रोज़ सिया
उसने जितना भी दिया साथ बहुत अच्छा था.
प्यार से कटते जो दिन रात बहुत अच्छा था
तुमसे कह देते हर इक बात बहुत अच्छा था
ग़र बदलते न ये हालात बहुत अच्छा था|
काश अश्को को न आँखों में छुपाया होता
चीख उठते जो ये जज़बात बहुत अच्छा था
उम्र सारी ही कटी अपनी तो तन्हाई में
आप देते जो मेरा साथ बहुत अच्छा था
कम से कम खुद से बिछड़ने का गिला न रहता
हम जो सह लेते ये सदमात बहुत अच्छा था
ठहरे पानी सी वो खामोश मोहब्बत उसकी . ....
होती चाहत की जो बरसात बहुत अच्छा था
रूह आजाद हुई जिस्म से एक रोज़ सिया
उसने जितना भी दिया साथ बहुत अच्छा था.
No comments:
Post a Comment