Monday, 23 June 2014

आपका ग़म भी सौगात है'

थोड़ी ख़ुद्दार सी ज़ात है 
बस यहीं मेरी औकात है 

क्या कहूँ ?आपकी बात है 
आपका ग़म भी सौगात है'

तुम मिले हो तो ऐसा लगा 
ज़िंदगी से मुलाक़ात है 

आँखों आँखों में है गुफ़्तगू 
ये अभी तो शरुवात है

ख़ूबियाँ मुझ में आये नज़र
तेरी नज़रों की ख़ैरात है

अब्र की ज़द में चाँद आ गया
आँसुवों से भरी रात है

ज़र्रे ज़र्रे में पिन्हा है तू
जगमगाती तेरी ज़ात है

thodi khuddar si zaat hai
bas yahee,n meri auqaat hai

kya kahon ? aap ki baat hai ..
aap ka gham bhi soughaat hai .

tum mile ho to aisa laga
zindagi se mulaqaat hai

aankhoN aankhoN me hai guftagu
yeh abhi to shurvaat hai

khoobiya'n mujh mein aaye nazar?
teri nazro'n ki khairaat hai

abr ki zad me chaand aa gaya
.aansuwo se bhari raat hai

zarre zarre me pinhaa .n hai too
jagmagati teri zaat hai...

2 comments:

  1. वाह-वाह...क्या बात है...

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  2. मन को छूती अभिव्यक्ति
    बधाई ------

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