हाल दिल का खराब मत पूछो
याद करना अज़ाब मत पूछो
जिंदगी का निसाब मत पूछो
नफरतों का सराब मत पूछो
अब तो कोई कशिश नहीं बाकी
मेरा अहद ए शबाब मत पूछो
चश्म ए तर राज़ सारा कह देगी
दर्द ओ ग़म का हिसाब मत पूछो
किस खता की सज़ा मिली है मुझे
क्या मैं दूंगी जवाब मत पूछो
बेरुखी की ये इन्तेहा थी बस
तल्ख़ इसका जवाब मत पूछो
मुद्दतों लग गई समझने में
रुख पे कितने नक़ाब मत पूछो
हुक्मरानों के आगे इक न चली
कितना खाना खराब मत पूछो
याद करना अज़ाब मत पूछो
जिंदगी का निसाब मत पूछो
नफरतों का सराब मत पूछो
अब तो कोई कशिश नहीं बाकी
मेरा अहद ए शबाब मत पूछो
चश्म ए तर राज़ सारा कह देगी
दर्द ओ ग़म का हिसाब मत पूछो
किस खता की सज़ा मिली है मुझे
क्या मैं दूंगी जवाब मत पूछो
बेरुखी की ये इन्तेहा थी बस
तल्ख़ इसका जवाब मत पूछो
मुद्दतों लग गई समझने में
रुख पे कितने नक़ाब मत पूछो
हुक्मरानों के आगे इक न चली
कितना खाना खराब मत पूछो
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