जिसके पास ईमान नहीं, वो अच्छा इंसान नहीं
दौलत रुतबा पा लेना ही, बन्दे तेरी शान नहीं
दौलत रुतबा पा लेना ही, बन्दे तेरी शान नहीं
दौलत हैं बस एक जरुरत ,दौलत है भगवान् नहीं
हर सामान मिले पैसे से ,पर बिकता ईमान नहीं
जीवन चार दिनों का मेला ,अच्छा ये अभिमान नहीं
जो जीता अपनी खातिर ,उसकी कोई पहचान नहीं
चलना सच्चाई के पथ पर मुश्किल है आसान नहीं
जीवन को दे सही दिशा,तुम हो जाना गुमनाम नहीं
सिया
No comments:
Post a Comment