Tuesday 1 May 2018

हर एक ज़र्रे को सोने में ढाल सकती है

वो घर में रह के भी दुनिया संभाल सकती है 
हर एक ज़र्रे को सोने में ढाल सकती है 

वो नेकियों की जो देगी मिसाल बच्चों को
तो हर बुराई से उनको निकाल सकती है 

वो एक माँ है जो बच्चों के वास्ते अपने 
ख़ुद अपनी जान भी जोखिम में डाल सकती है.

बुरी नज़र से जो देखेगा उसको बच्चों को
तो उस दरिन्दे की आँखे निकाल सकती है

जो अपने हिस्से की रोटी खिला दे बच्चों को 
वो मुफ़लिसी में भी बच्चों को पाल सकती है 

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