रिश्ते निभा के देखें कभी ज़िन्दगी के साथ
कब तक जियेंगे आप इसी बेहिसी के साथ
कब तक जियेंगे आप इसी बेहिसी के साथ
उलझा दिया था इतना ग़मे रोज़गार ने
वो जब कभी मिले तो मिले बेबसी के साथ
वो जब कभी मिले तो मिले बेबसी के साथ
हर बात मेरी जिसको गुज़रती है नागवार
ये ज़िन्दगी बितानी है मुझको उसी के साथ
ये ज़िन्दगी बितानी है मुझको उसी के साथ
आज़ाद कर रहें हैं तुम्हे अपनी क़ैद से
तुमको जहाँ भी जाना है जाओ ख़ुशी के साथ
तुमको जहाँ भी जाना है जाओ ख़ुशी के साथ
हम अपने आप में ही भला क्यों रहें न गुम
अपना मिज़ाज मिलता नहीं हर किसी के साथ
अपना मिज़ाज मिलता नहीं हर किसी के साथ
कह दो ये दुश्मनों से मेरे मर गयी सिया
अफ़वाह ये उड़ा दो ज़रा सनसनी के साथ
अफ़वाह ये उड़ा दो ज़रा सनसनी के साथ
siya sachdev
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