हौसले जब भी दिल में पलते हैं
कुछ नए रास्ते निकलते हैं
कुछ नए रास्ते निकलते हैं
तंज ख़ुद ही कर लिया जाए
आइये ज़ाएका बदलते हैं
आइये ज़ाएका बदलते हैं
आँधियाँ जो दिए जलाती है
वो दिए ज़ुल्मतों को खलते हैं
वो दिए ज़ुल्मतों को खलते हैं
वो ही हैं कामयाब दुनिया में
वक़्त के साथ जो बदलते हैं
वक़्त के साथ जो बदलते हैं
मेरे बच्चे ज़हीन हैं इतने
ये खिलौनों से कब बहलते हैं
ये खिलौनों से कब बहलते हैं
अब ये दुनिया फरेब लगती है
आज कल घर से कम निकलते हैं
आज कल घर से कम निकलते हैं
ऐसे रिश्तों को क्या सहेजे हम
जो बुरे वक़्त पे बदलते हैं
जो बुरे वक़्त पे बदलते हैं
आईना देखकर हो क्यूँ हैराँ
एक दिन रूप रंग ढलते हैं
एक दिन रूप रंग ढलते हैं
घर से निकले तो बस यहीं सोचा
हादसे साथ साथ चलते हैं
हादसे साथ साथ चलते हैं
चापलूसों की जिंदगी मत पूछ
भीख की रोटियों पे पलते हैं
भीख की रोटियों पे पलते हैं
क्यूँ हैं इंसान में हसद इतनी
लेके नफरत क्यूँ दिल में जलते हैं
लेके नफरत क्यूँ दिल में जलते हैं
Siya Sachdev
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