इतना रोने से सूरत बिगड़ जायेगी
सुर्ख़ रंगत तेरी ज़र्द पड़ जायेगी
तल्ख़ लहजे से जो तुमने गुफ़्तार की
साँस मेरी ये फिर से उखड जायेगी
वक़्त ने तेरे चेहरे पे क्या लिख दिया
आईना देख हैरत में पड़ जायेगी
साथ अपनों का मिलता रहा जो उसे
अपने हालात से भी वो लड़ जायेगी
अपने हालात से भी वो लड़ जायेगी
ये जो बुनियाद रिश्तों की है खोखली
कच्चे बखिये की जैसी उधड़ जायेगी
मुड़ के फिर न पलट करके देखेगी वो
ज़िद्द पे जो एक दिन अपनी अड़ जायेगी
तुझसे जिस दिन बिछड़ जायेगी ये सिया
उस घडी तेरी दुनिया उजड़ जायेगी
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