Saturday, 27 December 2014

कितने हैं ये प्यारे फ़ूल

एक चमन में सारे फ़ूल
कितने हैं ये प्यारे फ़ूल

आते जाते रोज़ यूँही 
होते हैं बंजारे फ़ूल

लूटने आया जब   कोई
बन बैठे अंगारे फ़ूल

जीवन की हर बाज़ीसे 
शर्त  कभी  न हारे फ़ूल

सबकी   ख्वाहिश होती  है 
ख़ुश्बू, चाँद, सितारे  फ़ूल

दौलत की कब  हसरत है 
सिर्फ  "सिया" को प्यारे फ़ूल 

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