मुझे आज लाडो बड़ी याद आये
वो गोदी में खेली परी याद आये
बड़े प्यार से अपनी मीठी जुबां से
मेरी माँ मेरी माँ जो कह के बुलाये
लगा के उसे अपने सीने से मैंने
बाँहों में अपनी हैं झूले झुलाये
माथे पे टीका काला लगाया
परी को किसी की नज़र लग न जाये
हसीन मेरे जीवन की सौगात है तू
दुखो का ना साया कभी तुझपे आये
तेरा अक्स मेरी निगाहों में हर दम
मेरा रब तुझी में नज़र मुझको आये
फूलों के पलना में कलियों में खेली
तुझे चाहती है तेरी हर सहेली
हुई तू सयानी बढ़ी फ़िक्र मेरी
बलाएँ तेरी मैंने हस हस के लेली
होनी हैं कुछ दिन में तेरी सगाई
कईं रात से नींद मुझको न आई
तू है मेरी गुडिया मेरी लाडली है
क्या हो जाएगी तू मुझी से परायी
यहीं सोचकर दिल मेरा डूब जाये
मुझे तेरी लाडो बहुत याद आये
मगर रस्म है तो निभाना पड़ेगा
मुझे खुद को पत्थर बनाना पड़ेगा
तेरा दान होगा तो अभिमान होगा
रहे खुश तू उस घर,ये अरमान होगा
वहां पर भी खुशियों की सौगात पाए
कोई दुःख तेरे पास हरगिज़ ना आये
रहे दूर तुझसे ये विपदा के साये
मुझे तेरी लाडो बहुत याद आये
विदाई की तेरी ये मंज़र है आया
हुई आंख नम दिल मेरा कसमसाया
मगर दान करना था तेरी ओ बेटी
है कन्या की किस्मत में फेरा ओ बेटी
तुझे अपनी ससुराल जाना पड़ेगा
तुझे भी चलन ये निभाना पड़ेगा
हैं मुक्ति सरीखा ये कन्या का दान
दुखद हैं ये फिर भी बहुत हैं महान
मैं माँ हूँ मेरा दिल समझ ही ना पाए
तू आजा मैं बैठी हूँ पलके बिछायें
मेरी लाडली तू बहुत याद आये
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