आपके जो साथ गुज़रे, वो ज़माने रह गए
चंद यादें रह गयीं और कुछ फ़साने रह गए
आपको अब हमसे मिलने की कोई चाहत नहीं
अब तो बस मसरूफियत के ही बहाने रह गए
आप हैं हरजाई , कोई आज है तो कल कोई
आपके तो हम दीवाने थे , दीवाने रह गए
आग में चाहत की जलने से तो मिलता है करार
जो किये थे मुझसे वादे वो निभाने रह गए
लुट ली दुनिया ने तेरे प्यार की दौलत मगर
अब तेरी यादों के बस दिल में खजाने रह गए
ए "सिया " उम्मीद क्या रखे ज़माने से कोई
हमको देने के लिए दुनिया पे ताने रह गए
चंद यादें रह गयीं और कुछ फ़साने रह गए
आपको अब हमसे मिलने की कोई चाहत नहीं
अब तो बस मसरूफियत के ही बहाने रह गए
आप हैं हरजाई , कोई आज है तो कल कोई
आपके तो हम दीवाने थे , दीवाने रह गए
आग में चाहत की जलने से तो मिलता है करार
जो किये थे मुझसे वादे वो निभाने रह गए
लुट ली दुनिया ने तेरे प्यार की दौलत मगर
अब तेरी यादों के बस दिल में खजाने रह गए
ए "सिया " उम्मीद क्या रखे ज़माने से कोई
हमको देने के लिए दुनिया पे ताने रह गए
वाह सिया जी...बहुत खूबसूरत गज़ल....
ReplyDeletelot of thanks for your nice appreication.vidya JI..GOD BLESS U
ReplyDelete