Siya Sachdev - A Writer & Musician
Wednesday 31 August 2011
दिल को क्यों करते हो छोटा
ना हो तुम इस कदर निराश!
आंसू तो मोती होते हैं,
रखो इनको अपने पास!
किसने जाना दर्द पराया
क्यों दूजे से रक्खे आस
दामन इतना फैला ले तू
दुःख भी आये तुझको रास
सुख दुःख आते जाते रहते
क्यों होती हैं सिया उदास
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment