हमको वो हमसे चुरा कर ले गया
फ़ूल से ख़ुश्बू चुरा कर ले गया
जो हमारे पास था सब कीमती
वो सभी शम्मे बुझा कर ले गया
दिल मेरे सीने से आख़िर वो मेरा
हाल अपना सब बता कर ले गया
था वो इक माहिर ख़िलाड़ी प्यार का
वो मुझे बाज़ी जीता कर ले गया
वो बड़ा काबिल हसीं शायर भी था दिल मेरा नगमा सुना कर ले गया
बात में उसकी वज़न तो था "सिया"
अजनबी डोली सजा कर ले गया
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