दिल तुम्हारा अब हमारा हो गया
इक नज़र में खेल सारा हो गया
अब हमारी बज़्म में रक्खा है क्या
वो तो इक रौशन सितारा हो गया
जो भी थे प्यासे, किनारा कर गए
इक समंदर जब से खारा हो गया
हो गए हम आपके जैसे सनम
आपका जब जब इशारा ओ गया
प्यार में हर इक सितम मंज़ूर है
ज़ुल्म तेरा हर गंवारा हो गया
ऐ "सिया" खूने- जिगर तेरा न पूछ
उनकी ख़ातिर इक नज़ारा हो गया
सिया
No comments:
Post a Comment