Wednesday 4 May 2011

कौन है माँ सा दानी सुनो

एक माँ की कहानी सुनो
उसकी अपनी जुबानी सुनो

बेटियां बोझ लगने लगीं
हो गईं जब सयानी सुनो

उसके दामन में कुछ भी नहीं
अश्क हैं बस निशानी सुनो

शादी होते ही बेटा अलग
रीत है इक पुरानी सुनो

बात बच्चों की माने सभी
कौन है माँ सा दानी सुनो

सिया

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