कोई दिल से उतर गया शायद
प्यार अपना ये मर गया शायद
तेरी आँखें बुझी बुझी सी हैं
ख्वाब कोई बिखर गया शायद
कांच सा था तेरा मेरा रिश्ता
टूट कर जो बिखर गया शायद
लाऊँ अब मैं कहाँ से ज़िंदादिली
मेरा एहसास मर गया शायद
इश्क़ का जो जूनून तारी था
आज सर से उतर गया शायद
मुझसे बेहतर कोई मिला होगा
उसका दिल मुझसे भर गया शायद
देख कर कर दिया है अनदेखा
पास से वो गुज़र गया शायद
राज़ वो मेरे जानने के लिए
मेरे दुश्मन के घर गया शायद
जाते जाते जता गया है वोह
मुझपे एहसान कर गया शायद
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