ए माँ तू मेरी जननी है,
तू पालन पोषण करनी है
मां तू ही मेरी शक्ति है
माँ तू हे मेरी भक्ति हैं
हर ग़म माँ मेरा तुने सहा हैं
मेरा आसू तेरी आँखों से बहा हैं
सबका तुने ख्याल किया हैं
कभी न कोई शिकवा किया हैं
तू त्याग ममता की मूरत
प्रेम की निश्छल सी सूरत
तेरी दुआ से दूर हो जाए
आये जो मुझपे दुःख के साये
तेरे आंचल की छावं में ठंडक
तेरे कदमो में हैं जन्नत
सिया
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