Friday 22 April 2011

यूँ न ताने दीजिये !!!!!!

आपके पहलू में आने दीजिये 
कुछ हमें दिल की सुनाने दीजिये 

हैं कई ग़म अब हमारे चारसू
उनको थोड़ा सा भुलाने दीजिये 

आप तो दिलबर हमारे हैं मगर 
अब जगह अपने सिरहाने दीजिये 

दिल की शम्मा जल रही है आज फिर 
हाँ वो शम्मा अब बुझाने दीजिये 

हम  "सिया" हैं दिल की बातें कह गए 
आप ना बेकार ताने दीजिये 
सिया 

2 comments:

  1. दिल की शम्मा जल रही है आज फिर
    हाँ वो शम्मा अब बुझाने दीजिये

    bahut khub

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