Monday 29 February 2016

punjabi ghazal

बापू वीरा ते माँ प्यारी
सारे टुर गए वारी वारी
रब दा भाना मनना पैंदा
दिल ते रख के पत्थर भारी
दिल न होर दुखाओ साडा
अग्गे घट हां दुःखा दी मारी
सह सह के दिल हो गया होला
हुन मैं हारी, हुन मैं हारी
ऐस दुनिया विच जी नईयों लगदा
कद आनी ये साडी वारी
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Thursday 18 February 2016

ghazal

तू हक़ीक़त से निकल कर दास्ताँ हो जाएगा
तब ज़माने पर तेरा जज़्बा अयाँ हो जाएगा

तुम सुलगते ही रहोगे हिज्र में मेरे सदा
और ये ख़्वाबों भरा आँगन धुवाँ हो जायेगा

छोड़ जाऊँगी तुम्हारा हँसता बसता ये जहाँ
ये जो इक घर है कभी सूना मकाँ हो जाएगा

मैं ज़मीं ज़ादी हूँ रिश्ता है मेरा इस ख़ाक़ से
क्या ख़बर थी मेरा दुश्मन आसमाँ हो जाएगा

तू कहाँ ईमान लाने पर तुली है ए सिया


''ऐसी बातो से वो क़ाफिर बदगुमां हो जाएगा ''